रामगोपाल जी मुंह में छप्पन भोग के नाम से ही पानी आ गया, रसना भर गई रस से पर मीठा मना है चाहे भोग पचपन ही हों पर ऐसे हों जो नमकीन होते हुए भी मिठास से भरपूर हों जिससे हम मीठे से बचते हुए भी मीठे का निडर होकर ले सकें आनंद।
आप तो हमारे दोस्त है नि:संदेह पर मुझे भी तो अपना दोस्त बना लें ।
पचपन में से नंबर एक भोग का रहेगा इंतजार, पर ब्लॉग का बचपन है न, इसलिए बचपन नहीं कर सकता अधिक इंतजार, बतलाइए पहला भोग कब होगा तैयार, हम भी तो हो लें
स्वागत है, पारीक जी।
ReplyDeleteआपके ब्लाग के नाम से ऐसा लग रहा है कि आप भोजनादि के विषय में लिखने का मन बना कर आये हैं। क्या यह सही है?
स्वागत है आपका। जल्दी से पोस्ट डालिए और अच्छे दोस्त होने का परिचय दीजिए।
ReplyDeleteब्लॊगजगत् में स्वागत।
ReplyDeleteखूब लिखें, निरन्तर लिखें, अच्छा लिखें।
welcome to blog world!
ReplyDeletehope to see nice blogs from you !!
:))
रामगोपाल जी
ReplyDeleteमुंह में छप्पन भोग के नाम से
ही पानी आ गया, रसना भर गई रस से
पर मीठा मना है
चाहे भोग पचपन ही हों
पर ऐसे हों
जो नमकीन होते हुए भी
मिठास से भरपूर हों
जिससे हम मीठे से बचते हुए
भी मीठे का निडर होकर
ले सकें आनंद।
आप तो हमारे दोस्त है नि:संदेह
पर मुझे भी तो अपना दोस्त बना लें
।
पचपन में से नंबर एक भोग का
रहेगा इंतजार, पर ब्लॉग का बचपन
है न, इसलिए बचपन नहीं कर सकता
अधिक इंतजार, बतलाइए पहला भोग
कब होगा तैयार, हम भी तो हो लें
स्वागत है।
ReplyDeletewelcome..
ReplyDeletewelcome
ReplyDeleteआदरणीय,
ReplyDeleteस्वागत करवा कर कहां छिप गए हैं । समय निकालिए और कुछ लिख डालिए । प्रतीक्षा रहेगी ।
अरविन्द पारीक
http://indiaeleven.com
http://bhaijikahin.jagranjunction.com
aadrniya,blog ki duniya me aapka swagat hai. aasha hai ki naam ke anuroop hame chhapan swad lene ka moka milegaa.....
ReplyDeletePoonam Pareek